बीपीओ का फुल फॉर्म क्या है (What is Full Form of BPO)?

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बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) 

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (Business Process Outsourcing) किसी तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाता को किया गया एक विशिष्ट व्यवसाय कार्य का अनुबंध है, जैसे पेरोल, मानव संसाधन (Human Resource) या अकॉउंटिंग( लेखा-जोखा)। आमतौर पर, बीपीओ को वैसे काम जिनकी कंपनी को ज़रूरत तो होती है लेकिन बाजार पर अपनी पद बनाये रखने के लिए उनपे निर्भर नही करती उनके लिए मूल्य-बचत उपाय के रूप में लागू किया जाता है ।

BPO Kya Hai in Hindi Tutorial

बीपीओ सेवाएं (BPO Services)

बीपीओ को अक्सर दो श्रेणियों में बाँटा जाता है ,

1)बैक ऑफिस आउटसोर्सिंग (Back Office Outsourcing) जिसमें बिलिंग या क्रय जैसे आंतरिक व्यावसायिक कार्यों और फ्रंट ऑफिस आउटसोर्सिंग( front office outsourcing),जिसमें ग्राहक से संबंधित सेवाएं जैसे मार्केटिंग या टेक सपोर्ट (tech support)शामिल होता है।बैक ऑफिस आउटसोर्सिंग, डेटा प्रविष्टि, डेटा प्रबंधन, सर्वेक्षण, भुगतान प्रक्रिया, गुणवत्ता आश्वासन और अकाउंट लेख समर्थन जैसे कार्यों का प्रबंधन करने में संगठन सेवाएं (organization services)प्रदान करती है। बैक ऑफिस कार्य कंपनी की मुख्य व्यवसाय प्रक्रिया के अभिन्न अंग हैं और व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं।

2) फ्रंट ऑफिस आउटसोर्सिंग (Front Office Outsourcing) सेवाएं ग्राहक इंटरैक्शन( बातचीत) से जुड़ी हैं। फ्रंट ऑफिस कार्यों के उदाहरणों में फोन वार्तालाप, ईमेल, फैक्स और ग्राहकों के साथ संचार के अन्य रूप शामिल हैं। फ्रंट ऑफिस आउटसोर्सिंग प्रदाता की सेवा सूची में निम्नलिखित चीज़े शामिल हैं:

  • टेलीमार्केटिंग( Telemarketing)
  • ग्राहक सेवा और सहायता
  • तकनीकी समर्थन / सहायता डेस्क
  • नियुक्ति समयबद्धन (Appointmrnt Scheduling)
  • भीतर / बाहर बिक्री
  • बाजार अनुसंधान

आउटसोर्सिंग विकल्प (Outsourcing Option)

वैसे बीपीओ जो किसी कंपनी के अपने देश के बाहर अनुबंधित है, इन्हें कभी-कभी ऑफशोर आउटसोर्सिंग(offshore outsourcing) कहा जाता है। वैसे बीपीओ जिसे किसी कंपनी के पड़ोसी देश में अनुबंधित किया जाता है उसे कभी-कभी नजदीकी आउटसोर्सिंग( nearshore outsourcing) कहा जाता है, और वैसे बीपीओ जो कंपनी की अपनी काउंटी के साथ अनुबंधित हैं को कभी-कभी ओनशोर आउटसोर्सिंग(onshore outsourcing) भी कहा जाता है

Read Here: Difference between BPO and KPO

बीपीओ के फायदे और नुकसान (Pros and Cons of BPO)

बीपीओ के दो मुख्य फायदे ये हैं कि इनसे मुख्य  व्यवसाय पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया जा सकता है और साथ ही साथ पैसे की भी बचत होती है। कुछ अन्य लाभों में शामिल हैं:

  • आउटसोर्स की व्यावसायिक प्रक्रियाओं की गति और क्षमता बढ़ती है।
  • बीपीओ का इस्तेमाल करने वाले संगठन नवीनतम तकनीक तक अपनी पहुँच बना लेते हैं।
  • कंपनी के संचालन के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक सेवाएं चुनने की स्वतंत्रता और लचीलापन
  • त्वरित और सटीक रिपोर्टिंग
  • स्टाफिंग (Staffing) और प्रशिक्षण से संबंधित संसाधनों पर बचत होती है।
  • बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं:
  • डेटा गोपनीयता उल्लंघन
  • सेवाओं पे चल रहे खर्चों को कम करके आंका जा रहा है
  • सेवा प्रदाताओं पर निर्भरता
  • संचार संबंधी समस्याएं जो परियोजना को पूरा करने में विलंब करती हैं|

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